सलमान खान ने चार सालों एक बाद सिनेमाघरों में वापसी कर ली है. उनकी फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' रिलीज हो चुकी है

फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' एक ऐसे शख्स की कहानी है, जिसका कोई नाम नहीं हैं.  

ये फिल्म का नाम जितना इंट्रेस्टिंग है उतनी ही ये मूवी बकवास और बोरिंग है

सलमान खान पिता का रोल निभाने की जगह हीरो का रोल निभा रहे हैं 

इस फिल्म का फर्स्ट हाफ ठीक ठाक है. लेकिन इतना अच्छा नहीं की आप पूरी फिल्म देखने के लिए बेताब रहे

शुरुआती पहले घंटे में ही आपको ढेरों गाने सुना दिए जाते हैं फिल्म का सेकंड हाफ बेहद स्लो है. फिल्म की रफ्तार ऐसी धीमी है कि

एक्शन सीन्स के दौरान आप बस घर जाकर सोने के बारे में ही सोचते हैं. कम से कम मेरे साथ तो यही हुआ था. थिएटर के दूसरे लोग भी उबासियां ले रहे थे 

कई बेवकूफियों भरी चीजें आपको इस फिल्म में देखने को मिलेंगी. जैसे गोलियों की बौछार के बीच किरदारों का उन्हीं के सामने भागना

भाईजान और एमएलए का एक दूसरे को चैलेंज करना

इसकी कहानी जो ट्रेलर में थी वही है सलमान खान वही अपने थकेले स्वैग के साथ वापस आए हैं

रोहिणी हट्टंगड़ी. उन्होंने अपने छोटे से रोल में कमाल किया है

जगपति बाबू और वेंकटेश की परफॉरमेंस भी अच्छी रही.