राममूर्ति नायडू की बॉयग्राफी हिंदी में
आज हम आपको बतायेंगे, भारत के एक ऐसे पहलवान के बारे में जिसने दुनिया भर में अपना और भारत का नाम रोशन किया। भारत के इस पहलवान का नाम राममूर्ति नायडू जो कि प्रोफेसर राममूर्ति (Professor Ramamurthy) के नाम से भी जाने जाते है। Ramamurthy जी ने अपने समय मे पंजाब और दुनिया भर में जितने भी रेसलिंग टूर्नामेंट (Wrestling Tournament) हुए सब में अपना दबदबा कायम किया। Wrestling Tournaments में वह 500 किलो वजन को आराम से उठा लेते थे। वह इतने बलशाली थे कि Ramamurthy जी को कलयुग का भीम के नाम से भी जाना जाता था। आइए आज जानते हैं भारत के इस महान पहलवान के बारे में कुछ रोचक तथ्य, जो आपको हैरान कर देंगी।
प्रारम्भिक जीवन- परिचय
Ramamurthy जी का जन्म अप्रैल 1882 मे आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव वीराघट्टम मे हुआ था। जब Ramamurthy छोटे थे तब उनकी माता का स्वर्गवास हो गया। इसके बाद उनके पिता वेंकन्ना जी ने उनको बड़े ही लाड प्यार से पाला।यही लगभग 10 साल की उम्र मे Ramamurthy को कोई भी कार्य करने पर सांस लेने मे तकलीफ होने लगी थी, उपचार करने पर पता चला की Ramamurthy जी को दमा की शिकायत थी | वैद जी ने बोला Ramamurthy को अच्छे उपचार की जरूरत है | वैद जी ने उनको कुछ विशेष जड़ी बूटी से बनी दवाई दी|और साथ मे कहा की प्रतिदिन प्राणायाम करो , योग करने से इनको जल्दी आराम मिलेगा | Ramamurthy Naidu ने अब रोज़ योगा और प्राणायाम करना शुरू किया | 1 महीने बाद ही Ramamurthy Naidu काफी असर देखने को मिला | यह देख Ramamurthy Naidu ने योगा और प्राणायाम को हमेशा के लिए अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा बना लिया |
कैसे बने पहलवान राममूर्ति
जैसे योग से स्वस्थ हुए Ramamurthy कुश्ती के प्रति भी उनका उतत्साह बढ़ता गया वह रोज घर पर सेंडो डंबल घुमाते और खूब व्यायाम भी करते थे| इसके बाद Ramamurthy तमाम देसी पहलवानों से मिले जिनसे उन्होने देसी व्यायाम के बारे मे जाना | Ramamurthy ने देसी व्यायाम करना शुरू किया जिससे Ramamurthy जी को काफी लाभ मिला और इस व्यायाम के प्रति Ramamurthy की रुचि बढ़ती गई |
असल मे महाभारत समय मे योद्धा लोग जो व्यायाम पढ़ती अपनाते थे फिर Ramamurthy ने भी उसी के अनुसार व्यायाम करने लगे |इस पद्धति को सदैव गुप्त ही रखा गया है | लेकिन Ramamurthy ने जब इन व्यायामों को ले कर इन पर अध्ययन किया तो उन्हें इस व्यायाम की इस पद्धति का पता चला | फिर उसी प्रकार से Ramamurthy ने इसी प्राचीन पद्धति से व्यायाम को करना आरंभ किया |Ramamurthy पूरी तरह से शाकाहारी इंसान थे। आंध्र प्रदेश सरकार ने तेलुगू किताबों में Ramamurthy के नाम का एक पाठ भी रखा है कि कैसे सिर्फ शाकाहारी खाना खाने से भी व्यक्ति के अंदर अद्भुत ताकत जा सकती है।
राममूर्ति की अद्भुत विशेष उपलब्धियां
1911 में पहली बार उन्होंने मद्रास में अपनी बलशाली क्षमताएं दिखाइ। Ramamurthy ने वहां लोहे की चैन तोड़ी और चलती हुई गाड़ियों को भी रोका। Ramamurthy ने हाथी को अपने सीने से पैर रख कर गुजार दिया। उस समय भारतवासियो ने यह सब देखकर सभी उन की वाहवाही कर रहे थे।
Ramamurthy ने उस समय के ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड मिंटो की गाडी को चैन की मदद से रोके रखा और 1 इंच भी हिलने तक नही दिया था। इस घटना देखने के बाद Ramamurthy’ का नाम पूरे भारत देश में और इंग्लैंड में भी गूंजने लगा था। तदुपरांत इलाहाबाद में उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस की एक मीटिंग के दौरान अपना हुनर दिखाया। Ramamurthy’ जी के इस हुनर से पंडित मदन मोहन मालवीय बेहद आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने Ramamurthy को लंदन जाकर अपना हुनर दिखाने को बोलै।
विदेशों में भी बल का अद्भुत प्रदर्शन
सबसे पहले Ramamurthy जी ने लन्दन जाकर बकिंघम पैलेस में किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के सामने प्रदर्शन किया। उनका आश्चर्यजनक प्रदर्शन को देख ब्रिटेन के राजा और रानी इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने Ramamurthy जी को इण्डियन हरकुलिस और इण्डियन सैण्डोज जैसे विशेषण प्रदान किये। जब Ramamurthy ने जार्ज पंचम के सामने अंग्रेजी में इन दोनों विशेषणों के साथ-साथ भारतीय मल्ल विद्या के पौरोणिक प्रतीक भीमसेन का तुलनात्मक विवरण बताया तो वंहा के किंग जॉर्ज को अपनी भूल का अहसास हुआ और उसने खड़े होकर माफी भी माँगी। इतना ही नहीं ब्रिटिश सम्राट ने सरकारी आदेश पारित कर Ramamurthy को प्रोफेसर राममूर्ति के लिये कलियुगी भीम की उपाधि का सार्वजनिक ऐलान भी किया और इंग्लैण्ड में पूरे राजकीय सम्मान के साथ Professor Ramamurthy को यह उपाधि दी गयी। इसके पश्चात उन्हें कई देशों से बुलावा आया और Ramamurthy वहाँ पर खुशी-खुशी गये भी है जैसे फ्रांस, जर्मनी, जापान और स्पेन आदि की देशो में इन्वाइट किया गया।
सर्कस कम्पनी का संचालन
विजयनगर में नौकरी के अतिरिक्त भी Ramamurthy ने शारीरिक बल के खुले प्रदर्शन शुरू किये जिनमें जनता की अपार भीड़ भी जुटा करती थी। एक बार लार्ड मिण्टो विजयनगर आये हुए थे, तब Ramamurthy को एक खेल सूझा। उसने उनकी लम्बी चौड़ी मोटर कार का पीछे का एक हुड कस कर पकड़ लिया और उनके ड्राइवर को कार स्टार्ट करने को कहा परन्तु लार्ड मिण्टो के आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब कार एक इन्च भी आगे न बढ़ सकी। इस्से Ramamurthy की ख्याति दूर-दूर तक फैल गयी। अब Ramamurthy के मन में एक विचार आया, क्यों न शारीरिक बल के प्रदर्शन से जनता का मनोरंजन किया जाये ताकि पैसा भी कमाया जाये। Ramamurthy जी के एक मित्र पोट्टी पुन्थूलू ने इस विचार को क्रियान्वित करने में Ramamurthy का पूरा सहयोग किया। दोनों की मेहनत रंग भी लायी और प्रोफेसर Ramamurthy ने एक सर्कस कम्पनी का गठन किया और अपने शो के कई कीर्तिमान स्थापित किये। तथा सर्कस कम्पनी से प्राप्त पैसे से वे आजादी जंग के लिए चैरटि करते थे।
निष्कर्ष:-
क्या आप ऐसे महान शूरवीर के बारे में जानते है और वो प्राचीन पढ़ती वाले व्यायाम के बारे में जानते है क्या ? अगर नहीं तो हमे सम्पर्क करे 9358444437 पर Whatsapp करे, और अपने आपको और अपने बच्चो को भी शक्तिशाली और स्वस्थ बनाये।
इसे भी पढ़े : Ankita Murder:असली सच दोस्त से Whatspp Chats में अंकिता ने जो कहा उसे सुनकर आपका दिल दहल जायेगा
इसे भी पढ़े: Foreign Tour: कम खर्च में अगर घूमना चाहते हैं विदेश? तो जाये इन 6 देशों में जरूर
इसे भी पढ़े: Jaipur Tour के दौरान आप इन Historical Tourist Places को देखना ना भूले