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अमृतसर में अगर आप यंहा नहीं घूमे तो बेकार होगा, Amritsar Tour

अमृतसर में अगर आप यंहा नहीं घूमे तो बेकार होगा आपका ये टूर, Amritsa Tour

अमृतसर के श्री राम तीर्थ के आगे कुछ भी नहीं स्वर्ण मंदिर

भारत के पंजाब राज्य में स्थित शहर अमृतसर गुरुनानक देव के अनुयाइयों की अध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है। पंजाब का ये शहर Amritsar सिक्ख धर्म की मौजूदगी के साथ-साथ भारतीय आजादी का भी एक बहुत बड़ा साबुत है। Amritsar को पंजाब का सबसे पवित्र शहर भी कहा जाता है। पंजाब के Amritsar  में खूबसूरती और इतिहास से जुड़ी रोचक बातें सैलानियों को अपनी और आकर्षित करती हैं। यहां पर देश-विदेश से लाखों सैलानी घूमने आते हैं। तो आज हम आप[को बताते हैं कि अगर आप कभी भी पंजाब घूमने का पक्लाण कर रहे है तो आपको इस शहर की घूमने लायक जगहों के बारे में बताएंगे, अक्सर लोग घूमने आते है और काफी जगहो पर घूमने से वंचित रह जाते है। 

 

1. Golden Temple

स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) को हरमिंदर साहिब मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये अमृतसर शहर Amritsar स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ बसा हुआ है। Amritsar शहर का नाम इस सरोवर के नाम पर रखा गया, जिसका निर्माण खुद गुरु राम दास जी ने अपने हाथो से किया था। इसी सरोवर के बीचो-बीच स्थित है स्वर्ण मंदिर जिसको हम गोल्डन टेंपल कहते है। एक अनुमान के अनुसार, स्वर्ण मंदिर में रोजाना करीब 1lakh  लोग लंगर खाते हैं। त्योहारों पर और Weekends पर यंहा की जनसंख्या डबल हो जाती है। सिर पर पगड़ी या कोई कपड़ा या टोपी के बिन स्वर्ण मंदिर के परिसर में प्रवेश नहीं किया जाता। 

 

2. Jallianwala Bagh

जलियांवाला बाग भारत के इतिहास के पन्नो में दर्ज है क्योकि ये अंग्रजों के एक क्रूर कांड के लिए जाना जाता है। क्रांतिकारी और बलिदानी वीरों की याद में यह तीर्थ स्थल स्वर्ण मंदिर से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये बाग लाखों बेकसूर भारतीयों की मौत का एक जीता जगता साबुत है। 13 अप्रैल 1919 में यहां निहत्थे बेकसूर भारतीयों पर अंग्रेजों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं और उनको मौत के घाट उतार दिया। गोलियों से बचने के लिए कुछ लोग वहां मौजूद एक कुएं में कूद गए थे। आज भी यह कुआ जलीय वाला बाग़ में ही है, इसलिए Amritsar आने वाला हर शख्स यंहा जाकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देना नहीं भूलता।

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3. Wagah Border

भारत के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर एक गांव स्थित है जिसका नाम है वाघा, जहां से दोनों देशों की सीमा गुजरती है। भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन मार्ग से सीमा पार करने का यह एक मात्र स्थान है। Amritsar  से इस गांव (वाघा) बॉर्डर की दूरी करीब 27 किलोमीटर की है। यह बॉर्डर नियमित रूप से पर्यटकों के लिए खोला जाता है। यहां होने वाली बीटिंग रिट्रीट को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगो की भीड़ लगती हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के मिल्ट्री जवान यहां पूरे उत्साह के साथ अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन प्रतिदिन करते हैं। जिसके लिए सायं 5 बजे से पहले आपको यंहा पहुंचना जरुरी है बड़ा ही सुंदर नजारा होता है इसको आप कभी चूकना नहीं ।

 

4. Gobindgarh Fort

पंजाब के Amritsar में एक ऐतिहासिक स्थल है जो शहर के बीचों बीच स्थित है। जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। महाराजा रणजीत सिंह ने इस किले का नाम अपने गुरु गोबिंद सिंह के नाम पर गोबिंदगढ़ रखा था। इस किले का अदिकतर निर्माण ईंट व चूने से किया गया था। इसी किले से जाकर जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को खूनी खेल खेला था। सुना जाता है कि इस किले में खूनी दरवाजे के पास एक अंडरग्राउंड गुफा भी है, जो की लाहौर तक जाती है। जब आप यंहा जाये तो सायं 5 बजे से पहले जाये क्योकि यंहा घूमने का किराया लगता है वैसे तो कुछ ख़ास नहीं है अंदर जब आपका मन टूटने लगेगा तब अंदर ही एक 20 मिनट की विडिओ आपको देखयेंगे जिसको देखके आपका पैसा वसूल हो जायेगा और आपको आनंद आ जयेगा। 

 

5. Durgiana Temple

हिंदूओं का यह प्रसिद्ध मंदिर है जिसे दुर्गियाना मंदिर कहा जाता है जो स्वर्ण मंदिर Amritsar से करीब 1.5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। ये मंदिर बाहर से देखने में स्वर्ण मंदिर के जैसा ही दिखता है। देवी दुर्गा के इस मंदिर का निर्माण 1908 में हरसई मल कपूर ने करवाया था। इस मंदिर में मां दुर्गा के अलावा भी लक्ष्मी-नारायण और शीतला माता तथा  हनुमान जी की मूर्तियां भी हैं।

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6. Shri Ram Teerth Mandir

अगर आप Amritsar Tour के लिए गए और राम तीर्थ नहीं देखा तो आपका Amritsar घूमना व्यर्थ ही है| श्री राम तीर्थ मंदिर के आगे स्वर्ण मंदिर कुछ भी नहीं है श्री राम तीर्थ मंदिर Amritsar में स्थित है यह मंदिर भगवान पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि महर्षि बाल्मीकि जी ने यहीं पर बैठकर रामायण की रचना की थी| कथा के अनुसार जब भगवान श्रीराम चंद्र जी ने माता सीता जी को त्याग दिया था तब वह यहीं बाल्मीकि जी के आश्रम में आकर रहने लगी थी, यंहा रामजी के पुत्र लव-कुश के द्वारा बनाई गयी बेहतरीन सुरंग है और जंहा बाल्मीकि ने रामायण लिखी थी वो पेड़ भी है सीता माता जिस कुटिया में रहती थी वह भी बाकि आप वह जाकर खुद भी अनिभव करेंगे तो आनंद पूर्ण हो जायेंगे| 

 

How to do Amritsar Tour in Weekend

अगर आप वीकेंड में घूमना चाहते है तो शुक्रवार (Friday) सायं को दिल्ली से चले 9 pm बजे तक Amritsar पहुंचकर होटल मर जाये, फिर वंहा से रात का अनुभव स्वर्ण मंदिर में करे, सुबह उठकर 6 बजे जलियावाल बाग़ जाये, फिर 9 am बजे दुर्गियाना मंदिर जाये जो जलियावाल बाग़ के पास ही है, फिर 10 am बजे आप म्यूजियम 12 बजे खाना खाये और 2 pm बजे तक आप बाघा बॉडर पर जाने की तैयारी करे, और वह पहुंच कर देश भक्ति का अनुभव करे, अगले दिन आपको रामतीर्थ, जाना है और गोविन्दगढ का किला देखना है फिर सायं होते ही अपने शहर लोट सकते है| ये था वीकेंड का सबसे बेहतरीन टूर था| हमारा उद्देश्य आपको भारत के अनसुनी जगहों से अवगत करने का है जिससे आप उनको घूमकर जीवन का आनंद ले सके|

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